हमारे एक परिचित पति पजीवन का हर सपना ही त्नी है जिनकी शादी को कुछ ही समय हुआ था | दोनों के बीच बेईम्तहा प्यार था | एक दुसरे को दोनों अच्छी तरह समझेते थे | सही माइने में वे आदर्श दम्पति थे | शादी के कुछ ही समय बाद उनके यहाँ एक प्यारा सा बेटा हुआ | बच्चा इतना खुबसूरत और मासूम था कि उसे बस देखते रहने का मन करता था | उसकी भोली हरकते नज़ारे हटाने ही नहीं देती थी | बच्चा धीरे धीरे बड़ा होंने लगा पर यह क्या चलना शुरू करते ही बच्चा गिर जाता था उसकी पैरों की मालिश की गयी पर कुछ फायदा न हुआ | हड्डी के डॉक्टरों को दिखाया गया | उनहोंने भी अलग अलग तेल बताये मालिश के लिए | बच्चा चलता तो था पर जमीन नहीं छोड़ता था | दोनों पैर उठाकर कूद भी नहीं पाता था |
देखने में बच्चे का स्वास्थ अच्चा था कहीं कोई कमी नज़र नहीं आती थी | हर समय मुस्कुराता रहता था | दिमाग भी बहुत तेज़ था | घर में सबकी भावनाओं का ख्याल रखता था | इसीलिए वह सबकी आँखों का तारा था | वह दुसरे बच्चों की तरह दौड़ नहीं पाता था | कोई बच्चा उसे मार कर या चिकोटी काटकर भाग जाता कि वो तो उसे दौड़कर पकड़ नहीं पायेगा | उस समय उसकी बेबसी उसके चेहरे पे चालक जाती थी और माँ बाप का दिल खून के आंसू रोता था | बहुत से डॉक्टरों के चक्कर कांटे पर कुछ हासिल नहीं हुआ | फिर एक नुरोलोगिस्ट को दिखाया गया | उसने बताया कि बच्चे को मायो पैथी नामक बिमारी है | और इसमें हाथ पैर धीरे धीरे सिथिल होते जाते हैं | इस बिमारी का अभी तक कोई इलाज मेडिकल साइंस में नहीं है | बहुत हाथ पैर मारे , बच्चे के रिपोर्ट्स बड़े बड़े डॉक्टरों को दिखाइ गई पर निराशा ही हाथ लगी |
फिसिओथेरपिस्त से समपर्क कर एक्स्सर्सिस भी काफी दिनों तक करवाई गई लेकिन एक सीमा के बाद उससे भी कोई लाभ होता न दिखा | थक हार कर माँ बाप भी लाचार हो गए | अब बच्चे को धीरे धीरे लाचार होता देखना ही उनकी नियति बन गयी थी | उनके जीवन का हर सपना ही जैसे चकना चूर हो गया था | बच्चा जब बैठकर खिलोनो से खेल रहा होता था तो कोई खिलौना नीचे गिर जाता था तो वह कितनी असहाय दृष्टि से माँ बाप को देखता था | क्यूंकि झुककर वह अपने खिलोने नहीं उठा पाता था | और माँ बाप के दिल के तो जैसे हजारों टुकड़े हो जाते थे | अपने बेटे की ऐसी लाचारी देखकर पिता के तो दिल की बिमारी हो गयी | वो तो डिप्रेशन में ही चले गए | मेरे साथ ऐसा क्यूँ हुआ , उनके इस प्रश्न का जवाब तो किसी के पास नहीं था | ममता की मारी माँ तो हसना ही भूल गयी हर समय भगवान् से प्रार्थना करती रहती थी |
बच्चा शारीरिक रूप से कितना ही अस्वस्थ हो , मानसिक रूप से बहुत स्सख्त था| माँ बाप को वो दिलासा देता था कि मेरी चिंता मत करो में ठीक हो जाऊंगा | वह नहीं चाहता था की उसको लेके वह हर समय परेशान रहे | तकलीफ में भी वह सबसे हसकर बात करता था | भीतर ही भीतर साड़ी पीड़ा सहन कर लेता था | मुस्कुराकर हर दर्द पी जाता था | धीरे धीरे बच्चे की हालत और भी खराब होती गयी अब वह बिल्जुल नहीं चल पाटा था | एक प्रकार से बिस्तर पर ही आ गया था | अपना काम भी वह खुद नहीं कर पाटा था | फिर उसको निमोनिया हो गया और तेज बुखार रहने लगा , कफ भी बहुत रहने लगा | सांस लेने में भी तकलीफ होने लगी थी | डॉक्टरों ने अस्पताल लेजाने का परामर्श दिया | उस वक़्त रात हो गयी थी | सुबह हॉस्पिटल लेजाना निश्चिन्त हुआ | सारी तैयारियां कर ली गयी थी | वह रात अत्यंत ही भारी थी | उस रात को भुलाना आज तक संभव नहीं है | रात में बच्चे को नींद नहीं आ रही थी | अतः उसकी माँ ने बच्चे के सर पर प्यार से हाथ फेरा और कहा कि बेटा अभी तुम सो जाओ तुम्हे जल्दी उठकर सुबह हॉस्पिटल जाना है | लेकिन बच्चा दूसरी दूसरी बातें माँ को बताता रहा उसने माँ से कहा आपने मेरी बहुत सेवा की है अगर मुझसे कोई भूल हो गयी हो तो मुझे माफ़ कर देना | आप संसार की सबसे अच्छी माँ हो | मै पापा से बहुत प्यार करता हूँ , माँ को समझ नहीं आ रहा था कि आज यह कैसी बातें कर रहा है इस तरह से तो वह कभी बात नहीं करता था | रात बहुत हो रही थी इसीलिए माँ ने फिर कहा अभी तुम सो जाओ बातें बाद में करेंगे | अभी तुम्हे आराम की जरूरत है | इसीलिए आँखे बंद कर लो और सो जाओ | बच्चे ने आँखे बंद कर ली और कहा ” लो में सो गया “| माँ कहाँ जानती थी कि अब वो कभी आँखे नहीं खोलेगा हमेशा के लिए सो जायेगा | ” लो में सो गया ” ये आखिरी शब्द बनकर रह गए | जो आज भी उस अभागी माँ के दिल में ध्रुजते रहते हैं | एक अमिट घाव देकर वो दुनिया से चला गया |और आज भी उस माँ दिल उस जकम के घाव से टीस्ता रहता है|